According To Ordnance Factory Chargeman Syllabus 2025
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जैसा की आप जानते है कि धातु, खदानों से निकाले गए कच्चे पदार्थों से बनाई जाती है | यह कच्चे पदार्थ अयस्क (Ore) कहलाते हैं | खनिज पदार्थ जब खदानों से निकाले जाते हैं तो उसमें धातु की मात्रा के साथ-साथ मिट्टी और अन्य प्रकार की अशुद्धियां भी होती हैं | खनिज पदार्थों से धातु प्राप्त करने के लिए सबसे पहले धातु के अयस्क में उपस्थित अशुद्धियों को दूर किया जाता है |
धातु के मुख्यतः निम्नलिखित तीन प्रकार के गुण होते हैं
धातु के भौतिक गुण प्राकृतिक अवस्था में होते हैं भौतिक गुणों के कारण ही किसी धातु की पहचान करना आसान होता है | यह धातु के गुण में अस्थाई रूप से पाए जाते हैं |
भौतिक गुण निम्नलिखित प्रकार के होते हैं |
भौतिक गुण (Physical Properties)
भौतिक गुण धातुओं में स्थाई रूप से होते हैं। इन गुणों से धातु को पहचान की जा सकती है। आमतौर पर भौतिक गुण निम्नलिखित होते हैं |
रंग (Colour) हर घातु का कोई न कोई रंग होता है। जैसे :- चांदी और एल्यूमीनियम का रंग सफेद होता है।, ढलवां लोहा का रंग काला होता है। पीतल का रंग पीला होता है। तांबे रंग लाल होता है।
गलनीयता (Fusibility) इस गुण के कारण घातु किसी निश्चित तापमान पर पिघलकर द्रव बन जाती है। हर धातु का गलनांक अलग अलग होता है। जैसे :- एल्यूमीनियम का गलनांक 648°C होता है।सीसे का 327°C गलनांक होता है। 3:00 का गलनांक 230°C होता है। कास्ट आयरन का गलनांक 1250°C होता है। तांबे का गलनांक 1083°C होता है।
भार (Weight) प्रत्येक धातु का अपने आयतन के अनुसार भार निश्चित होता है। अलग-अलग धातुओं का अलग-अलग भार होता है। जैसे :- सीसा ( Lead) सबसे भारी होता है और और एलुमिनियम (Aluminum) सबसे हल्की धातु है। धातु का भार प्रति घन सेंटीमीटर निर्धारित होता है।
संरचना (Structure) धातु को यदि तोड़कर देखा जाए तो उसके अंदर की बनावट अलग-अलग होती है। जैसे :- स्टील के भीतर की बनावट ग्रेनुलर (Granular), ढलवा लोहा की बनावट क्रिस्टलाइन (Crystalline), इस्पात की बनावट कणिक (Granules), पिटवा लोहा की बनावट रेशेदार (Fibrous) सरंचना लिए हुए होते हैं।
आपेक्षिक घनत्व (Relative Density) समान आकार की विभिन्न धातुओं का वजन अलग-अलग होता है। जैसे :-पारा और सीसा भारी होते हैं। जबकि एल्यूमीनियम हल्का होता है
चुम्बकत्व (Magnetism) लौह धातुओं को चुम्बक अपनी ओर खींचता है और अलौह धातुओं को नहीं खींचता है।
धातुओं की ऊष्मा और विद्युत की चालकता (Connectivity of Heat and Electricity) धातुओं की ऊष्मा और विद्युत की चालकता अलग-अलग होती है। जैसे :- ताम्बे की ऊष्मा और विद्युत की चालकता लोहे से अघिक होती
Heat Treatment
उष्मा उपचार का अर्थ Meaning of Heat Treatment
हीट ट्रीटमेंट का हिंदी अर्थ है उष्मा उपचार अर्थात् यह एक प्रकार की क्रिया है जिसमें किसी धातु या मिश्रधातु को निश्चित तापमान पर गर्म करने के बाद किसी निश्चित दर से ठंडा किया जाता है । इस क्रिया से धातु के कुछ गुणों को ऐच्छिक यांत्रिक गुणों में परिवर्तित किया जाता है ।
आवश्यकता
जब स्टील को गर्म किया जाता है उसकी आंतरिक बनावट में कुछ परिवर्तन होता है जिससे स्टील के गुणों में कुछ परिवर्तन आता है । |
स्टील की आंतरिक रचना
स्टील को हीट ट्रीटमेंट स्ट्रक्चर Heat Treatment Structure to Steel
1. फेराइट Ferrite
यह शुद्ध लोहे का स्ट्रक्चर है जिसमें कार्बन की मात्रा बहुत कम होती है । इसमें चुम्बकीयता का गुण अधिक होता है । यह स्ट्रक्चर नर्म और डक्टाइल होता है ।
2. सीमेंटाइट Cementite
यह फेराइट और कार्बन का रासायनिक मिश्रण होता है । यह स्ट्रक्चर बहुत हार्ड और ब्रिटल होता है ।
3. पीयरलाइट Perlite
यह फेराइट और सीमेंटाइट का मिश्रण होता है । इसमें 87% फेराइट और 13% सीमेंटाइट होता है । यह स्ट्रक्चर बहुत ही मजबूत होता है ।
4. ऑस्टेनाइट Austenite
जब स्टील को अपर क्रीटिकल तापमान पर गर्म किया जाता है जो स्टील के स्ट्रक्चर में पूरी तरह से आंतरिक परिवर्तन हो जाता है । इस प्रकार जो स्ट्रक्चर बनता है वह आस्टेनाइट कहलाता है । इस स्ट्रक्चर पर स्टील नॉन-मैगनेटिक होती है ।
5. मार्टेन्साइट Martensite
यदि आस्टेनाइट स्ट्रक्चर वाली स्टील को तुरंत ठंडा कर दिया जाये तो स्टील में जो स्ट्रक्चर बनता है वह मार्टेन्साइट कहलाता है । यह स्ट्रक्चर बहुत हार्ड और ब्रिटल होता है ।
6. ट्रूस्टाइट Trustight
मार्टेन्साइट स्ट्रक्चर वाली स्टील को यदि लोअर क्रीटिकल तापमान से कम तापमान पर दुबारा गर्म करके ठंडा किया जाये तो ट्रूस्टाइट स्ट्रक्चर बनता है । इस स्ट्रक्चर वाली स्टील को मशीनिंग वगैरा नहीं किया जा सकता है किंतु इसमें कंपन सहन करने की शक्ति होती है ।
7. सॉर्बाइट Sorbite
इस प्रकार का स्ट्रक्चर ठंडा होने की दर को कंट्रोल करके प्राप्त किया जाता है । इस स्ट्रक्चर में पीयरलाइट अधिक और सीमेंटाइट कम होता है । यह स्ट्रक्चर प्रायः टेम्पर्ड स्टील में पाया जाता है ।
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