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Meaning of Heat Treatment 2019-02-06 16:36:06


उष्मा उपचार का अर्थ 2019-02-06 16:36:06

उष्मा उपचार का अर्थ Meaning of Heat Treatment

हीट ट्रीटमेंट का हिंदी अर्थ है उष्मा उपचार अर्थात् यह एक प्रकार की क्रिया है जिसमें किसी धातु या मिश्रधातु को निश्चित तापमान पर गर्म करने के बाद किसी निश्चित दर से ठंडा किया जाता है । इस क्रिया से धातु के कुछ गुणों को ऐच्छिक यांत्रिक गुणों में परिवर्तित किया जाता है ।


स्टील को हीट ट्रीटमेंट स्ट्रक्चर Heat Treatment Structure to Steel


1. फेराइट Ferrite

यह शुद्ध लोहे का स्ट्रक्चर है जिसमें कार्बन की मात्रा बहुत कम होती है । इसमें चुम्बकीयता का गुण अधिक होता है । यह स्ट्रक्चर नर्म और डक्टाइल होता है ।


2. सीमेंटाइट Seamnette

यह फेराइट और कार्बन का रासायनिक मिश्रण होता है । यह स्ट्रक्चर बहुत हार्ड और ब्रिटल होता है ।


3. पीयरलाइट Pierlite

यह फेराइट और सीमेंटाइट का मिश्रण होता है । इसमें 87% फेराइट और 13% सीमेंटाइट होता है । यह स्ट्रक्चर बहुत ही मजबूत होता है ।


4. ऑस्टेनाइट Austenite

जब स्टील को अपर क्रीटिकल तापमान पर गर्म किया जाता है जो स्टील के स्ट्रक्चर में पूरी तरह से आंतरिक परिवर्तन हो जाता है । इस प्रकार जो स्ट्रक्चर बनता है वह आस्टेनाइट कहलाता है । इस स्ट्रक्चर पर स्टील नॉन-मैगनेटिक होती है ।


5. मार्टेन्साइट Martensite

यदि आस्टेनाइट स्ट्रक्चर वाली स्टील को तुरंत ठंडा कर दिया जाये तो स्टील में जो स्ट्रक्चर बनता है वह मार्टेन्साइट कहलाता है । यह स्ट्रक्चर बहुत हार्ड और ब्रिटल होता है ।


6. ट्रूस्टाइट Trustight

मार्टेन्साइट स्ट्रक्चर वाली स्टील को यदि लोअर क्रीटिकल तापमान से कम तापमान पर दुबारा गर्म करके ठंडा किया जाये तो ट्रूस्टाइट स्ट्रक्चर बनता है । इस स्ट्रक्चर वाली स्टील को मशीनिंग वगैरा नहीं किया जा सकता है किंतु इसमें कंपन सहन करने की शक्ति होती है ।


7. सॉर्बाइट Sorbite

इस प्रकार का स्ट्रक्चर ठंडा होने की दर को कंट्रोल करके प्राप्त किया जाता है । इस स्ट्रक्चर में पीयरलाइट अधिक और सीमेंटाइट कम होता है । यह स्ट्रक्चर प्रायः टेम्पर्ड स्टील में पाया जाता है ।


स्टील क्रीटिकल तापमान Steel Critical Temperature

1. लोअर क्रीटिकल तापमान Lower Critical Temperature

जब स्टील को गर्म किया जाता है तो उसमें तापमान धीरे-धीरे बढता है । यह तापमान जब लगभग 723C तक पहुँचता है तो इस तापमान के बाद स्टील की आंतरिक बनावट में कुछ परिवर्तन होने आरंभ हो जाते हैं । इस प्रकार जिस तापमान पर स्टील की आंतरिक बनावट में परिवर्तन आरंभ हो जाते हैं उसे लोअर क्रीटिकल तापमान कहते हैं ।


2. अपर क्रीटिकल तापमान Upper Critical Temperature

जब स्टील को लोअर क्रीटिकल तापमान के बाद और अधिक गर्म किया जाता है तो जैसे-जैसे तापमान बढता जाता है वैसे-वैसे स्टील के स्ट्रक्चर में परिवर्तन होता जाता है । अंत में एक ऐसा तापमान आता है जिस पर स्टील का पूरा स्ट्रक्चर परिवर्तित हो जाता है जिसमें ऑयरन और कार्बाइड मिल जाते हैं और इसके बाद स्ट्रक्चर में परिवर्तित होना रूक जाता है ।इस प्रकार जिस अधिक से अधिक तापमान पर स्टील का पूरा स्ट्रक्चर आस्टेनाइट में परिवर्तित हो जाता है वह अपर क्रीटिकल तापमान कहलाता है । यह तापमान स्टील में कार्बन की मात्रा पर निर्भर करना है । यह तापमान लगभग 800C होता है

हीट ट्रीटमेंट की विधियां Methods of Heat Treatment

1. हार्डनिंग Hardening

यह हीट ट्रीटमेंट की एक विधि हैं जिसमें धातु पर हार्डनैस का गुण बढ़ाया जाता है । स्टील में हार्ड होने का गुण उसमें कार्बन की प्रतिशत पर निर्भर करता है ।


2. टेम्परिंग Tempering

जब स्टील के पार्टस या कटिंग टूल्स को हार्ड किया जाता है तो उनमें भंगुरता अधिक हो जाती है जिससे उनके टूटने का भय रहता है । इस कमी को दूर करने के लिये टेम्परिंग की जाती है । इसमें कुछ भंगुरता कम करके टफनैस को बढ़ाया जाता है ।


3. एनीलिंग Annealing

स्टील के हार्ड पार्ट्स को मशीनिंग करने योग्य बनाने के लिये मुलायम करने की विधि को एलीनिंग कहते हैं ।


4. नार्मलाइजिंग Normalizing

स्टील पर ठंडी या गर्म हालत में कार्य करने के बाद उसे सामान्य दशा में लाने के लिये जो क्रिया की जाती है उसे नार्मलाइजिंग कहते हैं ।


उष्मा उपचार महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर अक्सर एग्जाम इस तरह के क्वेश्चन आ जाते हैं से ध्यानपूर्वक पढ़ें


1. एक स्टील के पार्ट को 730 डिग्री के थोडा ऊपर गर्म किया जाता है। कुछ देर इसी ताप पर रखकर धीरे धीरे ठण्डा किया जाता है। इस प्रक्रिया को कहते है। - अनीलिंग 


2.स्टील के आस्टेनाइट स्ट्रक्चर को शीघ्रता से ठण्डा करने पर निम्न स्ट्रक्चर बनता है। - मार्टेनसाइट 


3. ऊष्मा उपचार करने में एक स्टील का पार्ट क्रैक हो जाता है इसका सम्भवत निम्न कारण है। - इसे बहुत तेजी से ब्राइन में ठण्डा किया गया


4.अनीलिंग प्रोसेस का मुख्या उद्देश्य निम्न है। - मशीनेबिलिटी बढाना 


5. हाई स्पीड स्टील के लिए हार्डनिंग टैम्परेचर क्या है। - 1250°C


6. स्टील को हार्ड करने के पश्चात एक और ऊष्मा उपचार प्रोसेस किया जाता है। निम्न से उस प्रोसेस का पहचानिए। - टैम्परिंग 


7. हाई स्पीड स्टील टूल का 1250° तक गर्म करने के पश्चात निम्न क्वैचिंग माध्यम में ठण्डा करते है। - तेल 


8.स्टील की टफनैस बढाने ब भंगुरता कम करने के लिए निम्न ऊष्मा उपचार प्रोसेस किया जाता है। - टैम्परिंग 


9. ऊष्मा उपचार प्रकम की किस विधी दूारा स्केल फी सतह का निर्माण किया जाता है। - इण्डक्शन हार्हनिंग 


10. फर्नेस में तापमान को मापने के लिए प्रयोग - पायरोमीटर


11. इस्पात की ऊपरी सतह में नाइट्रोजन को प्रवेश कराने की विधि क्या कहलाती है। - नाइट्राइडिंग


12.शुद्ध आयरन या रॉट आयरन कैसी धातु है। - मुलायम और डक्टाइल 


13.अनीलन Annealing का मुख्य उद्देश्य है। - मशीनन योग्यता सुधारना

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14. कार्बन एव आयरन के रासायनिक यौगिक को कहते है। - सीमेन्टाइट 



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