• न्यूटन के गति का प्रथम नियम से बल की परिभाषा मिलती है।
• न्यटन के गति का द्वितीय नियम से बल का व्यंजन प्राप्त होता है। (F = ma)
बल का एस. आई. (S.I.) मात्रक “न्यूटन (Newton)” होता है। जैसा की हमने ऊपर जाना की बल की परिभाषा हमें न्यूटन के गति के प्रथम नियम से मिलती है, इसलिए बल की SI इकाई का नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा गया है। बल को इकाई को दर्शाने के लिए N का प्रयोग किया जाता है। अर्थात हम कह सकते है की SI यूनिट ऑफ़ फ़ोर्स न्यूटन है।
बल को मापने की एक इकाई CGS भी होती है। CGS पद्धति में बल का मात्रक डाइन (Dyne) होता है। बल को डाइन में दर्शाने के लिए d का प्रयोग किया जाता है। जहाँ 1 न्यूटन = 105 डाइन होता है।
(i) गुरूत्वाकर्षण बल (Gravitational Force)
(ii) विद्यत-चुम्बकीय बल (Electromagnetic Force)
(iii) नाभिकीय बल या प्रबल बल एवं
(iv) दुर्बल बल
गुरूत्वीय बल सबसे कमजोर (क्षीण) जबकि नाभिकीय बल सबसे प्रबल बल होता है।
न्यूटन के अनुसार दो वस्तुओं के बीच लगने वाला आकर्षण बल गुरूत्वाकर्षण बल कहलाता है। यदि एक-एक किलोग्राम के दो पिण्डों को 1 मीटर की दूरी पर रखा जाए तो इनके मध्य 6.67x10-11 न्यूटन का बल लगेगा। यह बल बहुत कम होने के कारण इसका अनुभव नहीं होता है।
• गुरुत्व बल-पृथ्वी प्रत्येक वस्तु को अपनी ओर जिस बल से आकर्षित करती उस बल को पृथ्वी का गुरूत्व बल कहते हैं।
• विद्यत चम्बकीय बल (Elector magnetic Force) ये बल आकर्षण अथवा प्रतिकर्षण बल है एवं परास अधिक होती है।
• प्रबल बल-नाभिकीय एवं आकर्षण बल है यह अति लघु परास 10-15 मीटर की कोटि) बल है। इसे ही प्रबल बल कहते है।
• दुर्बल बल (Weak Force)-अत्यन्त लघु परास वाला बल है।
• किन्ही दो सतह के सम्पर्क तलों के बीच सापेक्ष गति का विरोध करने वाले बल को घर्षण बल कहते है। इसकी दिशा सदैव वस्तु की गति की दिशा के विपरीत होती है।
• घर्षण बल परस्पर सम्पर्क में आने वाली सतहों की प्रकृति पर निर्भर करता है परन्तु उनके क्षेत्रफल पर निर्भर करता है
• घर्षण बल के कारण ही हम पृथ्वी की सतह पर चलते, दौड़ते एवं सीधा खड़ा हो पाते है।
• माचिस की तीली को माचिस की सतह पर रगड़ने पर घर्षण बल के कारण ही वह जलती है
• गाड़ियों के ब्रेक घर्षण बल के कारण ही कार्य करते हैं।
• घर्षण बल के कारण ही वाहनों के टायर घिस जाते है।
• जूते घर्षण बल के कारण घिस जाता है।
नोट-(i) स्नेहक का प्रयोग करके जैसे-तेल, ग्रीस आदि एवं बाल-बियरिंग का प्रयोग करके घर्षण को कम किया जाता है।
(ii) पहियों के टायरों में छोटे-छोटे खाँचे बने होते है ये घर्षण बल बढ़ा देते है जिससे वाहन फिसलते नहीं है।
बल की इकाई को परिवर्तन करने के लिए कई ऑनलाइन कैलकुलेटर उपलब्ध है, जिनसे आप आसानी से बल की इकाई को परिवर्तित कर सकते हैं। यहाँ बल की इकाई को कुछ प्रमुख रूपों परिवर्तन दिया जा रहा है। बल के मात्रक न्यूटन को (N) से दर्शाया जाता है।
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